NEET Medical Exams: सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने परिमल कोटपल्लीवार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो आर.के. एजुकेशन करियर गाइडेंस, नागपुर में एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म है.
नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. सीबीआई के मुताबिक कई कोचिंग सेंटर इस घोटाले में शामिल है. जांच एजेंसी के मुताबिक परीक्षा पास करवाने के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट (Proxy Candidates ) का इस्तेमाल किया गया. इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाने के लिए 50 लाख रुपये तक लिए गए. सीबीआई ने महाराष्ट्र के कुछ कोचिंग सेंटर के खिलाफ केस दर्ज किए हैं.
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने परिमल कोटपल्लीवार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो आर.के. एजुकेशन करियर गाइडेंस, नागपुर में एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म है. सीबीआई के मुताबिक कोटपल्लीवार ने उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क किया था. उन्होंने इन सबसे बड़े मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन करवाने का वादा किया था. कहा जा रहा है कि 12 सितंबर को हुए एग्जाम में दिल्ली और रांची के 5 अलग-अलग सेंटर पर प्रॉक्सी कैंडिडेट का इस्तेमाल किया गया.
छात्रों से लिए ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स
सीबीआई की FIR में कहा गया है कि पैरेंट्स से पोस्ट डेटेड चेक और 10वीं और 12वीं की ओरिजिनल मार्कशीट ली गई. वादा किया गया कि 50 लाख रुपये देने के बाद उनके मार्कशीट वापस कर दिए जाएंगे. मार्कशीट लेने का मकसद ये था कि प्रॉक्सी कैंडिडेट के लिए ओरिजिनल डॉक्टूमेंट में छेड़छाड़ कर परीक्षा के लिए फर्जी आई कार्ड बनाई जाए.
नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. सीबीआई के मुताबिक कई कोचिंग सेंटर इस घोटाले में शामिल है. जांच एजेंसी के मुताबिक परीक्षा पास करवाने के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट (Proxy Candidates ) का इस्तेमाल किया गया. इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाने के लिए 50 लाख रुपये तक लिए गए. सीबीआई ने महाराष्ट्र के कुछ कोचिंग सेंटर के खिलाफ केस दर्ज किए हैं.
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने परिमल कोटपल्लीवार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो आर.के. एजुकेशन करियर गाइडेंस, नागपुर में एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म है. सीबीआई के मुताबिक कोटपल्लीवार ने उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क किया था. उन्होंने इन सबसे बड़े मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन करवाने का वादा किया था. कहा जा रहा है कि 12 सितंबर को हुए एग्जाम में दिल्ली और रांची के 5 अलग-अलग सेंटर पर प्रॉक्सी कैंडिडेट का इस्तेमाल किया गया.
छात्रों से लिए ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स
सीबीआई की FIR में कहा गया है कि पैरेंट्स से पोस्ट डेटेड चेक और 10वीं और 12वीं की ओरिजिनल मार्कशीट ली गई. वादा किया गया कि 50 लाख रुपये देने के बाद उनके मार्कशीट वापस कर दिए जाएंगे. मार्कशीट लेने का मकसद ये था कि प्रॉक्सी कैंडिडेट के लिए ओरिजिनल डॉक्टूमेंट में छेड़छाड़ कर परीक्षा के लिए फर्जी आई कार्ड बनाई जाए.
ऐसे पकड़े गए आरोपी
हालांकि एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि उम्मीदवारों के लिए लगे प्रॉक्सी एनईईटी केंद्र पर नहीं आए और उम्मीदवारों को ‘अनुपस्थित’ के रूप में चिह्नित किया गया. नागपुर में कोचिंग सेंटर से जुड़े पांच लोगों को बिचौलियों के रूप में काम करने के लिए हिरासत में लिया गया था. इस बात की जांच की जा रही है कि कितने उम्मीदवारों ने संदिग्धों की मदद से प्रॉक्सी राइटर से संपर्क किया और क्या वास्तव में कोई धोखाधड़ी की गई थी.